सेबी ने सोमवार को कहा कि एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा नियामकीय जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और लगातार अधिक समय की मांग कर रहे हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पिछले साल अगस्त में चंद्रा को जी समूह की कंपनियों में निदेशक एवं प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से रोक दिया था।
बता दें कि चंद्रा पर यह कार्रवाई जी एंटरटेनमेंट का पैसा दूसरी जगह भेजने के आरोप में की गई थी।
इस मामले में चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका के खिलाफ जांच भी चल रही है। सेबी के इस आदेश के खिलाफ चंद्रा ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में भी अपील की है। सैट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सेबी के एक वकील ने कहा कि चंद्रा मांगे गए दस्तावेजों को पेश करने के लिए बार-बार ज्यादा समय की मांग कर रहे हैं।
वकील ने कहा कि चंद्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही यह भी कहा कि पूंजी बाजार नियामक ने इस साल 12 जनवरी को भी उन्हें समन भेजा था। इस पर चंद्रा के वकील ने कहा कि सेबी का समन कुछ दस्तावेजों की जरूरत से संबंधित था जबकि उनकी ओर से कुछ भी नहीं दिया जाना है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधिकरण ने सेबी को चंद्रा द्वारा दायर अपील पर जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया और अपील पर सुनवाई की अगली तारीख आठ मार्च तय की थी। सेबी ने पहले इस मामले में आठ महीने या अप्रैल के लास्ट तक अपनी जांच पूरी करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
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