विनीत नारायण-
हर ब्रजवासी और भक्त जानता है कि प्रातः स्मरणीय संत श्री रमेश बाबा ने जो कुछ ब्रज के और सभीभक्तों के लिए किया है वो अविस्मरणीय है।श्री राधारानी के श्री चरणों के प्रति उनकी भक्ति सर्वोच स्तर की है। हम जैसे सामान्य ब्रजवासी को प्रेरणा देकर और हममें शक्ति संचार करके उन्होंने द ब्रज फाउंडेशन के माध्यम से ब्रज सजाने का जो दिव्य कार्य करवाया उसके लिए हम उनकी चरण रज के लोभी सदा बने रहेंगे।
नाटक में बाबाश्री का स्वयं श्रीराधा स्वरूप धारण करना वैसे ही था जैसे रासलीला के स्वरूपों का भाव होता है। इस पर आक्षेप लगाने उचित नहीं है। बाबा का त्याग और भक्ति विवाद से परे हैं।
जहां तक मानगढ़ पर भव्य मंदिर के निर्माण की बात है तो इसमें मुझे निवेदन करना है कि 2003 में जब मैं बाबा के पास प्रायः नियमित जाता था तब वहाँ कोई प्रभावशाली भवन नहीं था।भक्तों की इच्छा थी कि बड़ा मंदिर बने। पर पहाड़ पर ऊपर जाने का रास्ता तक नहीं था। उस समय ठाकुर जी ने मुझे निमित्त बनाकर रस मंदिर से मान मंदिर तक सड़क का निर्माण करवाया।
उसी समय में दिल्ली की एक योग्य आर्जिटेक्ट शालिनी दास गुप्ता को लेकर बाबा के पास गया और निवेदन किया कि बाबा हम मंदिर का विस्तृत नक़्शा अभी बनवा लें और जैसे जैसे धन आता जाय वैसे वैसे उसका निर्माण होता जायगा । पर आदरणीय भैया जी ( श्री राधा कांत शास्त्री) भड़क गये और हमें बुरी तरह हतोत्साहित कर दिया। बाद के वर्षों में करोड़ों ₹ खर्च करके मान मंदिर पर बिना किसी सही योजना और कलात्मकता के एक के बाद एक विशाल भवन बनते गये। किसी दो भवनों में एकरूपता नहीं थी।
जिसका मुझे तब डर था वही हुआ । अब नवनिर्माण के लिए सब भवन ध्वस्त कर दिये गये हैं जो पिछले बीस वर्षों में बने थे। इसमें ठाकुर जी का कितना धन बर्बाद हो गया। अगर इसकी जगह मेरा सुझाव मानकर 2003 में ही मंदिर की कार्य योजना बना ली गयी होती तो दान के पैसे से बने भवन मात्र बीस बरस में तोड़ने ना पड़ते।
मेरे मन में मान मंदिर के सभी साधुओं के प्रति अपार प्रेम और श्रद्धा है और मैं उनके त्याग और तपस्या का बहुत सम्मान करता हूँ । पर चाहे मान मंदिर हो या उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद या कोई अन्य संस्था जब बिना कल्पनाशीलता के ब्रज में कुछ निर्माण करती है तो ये देखकर कष्ट होता है कि इतने ही धन से ब्रज कैसा सुंदर सज सकता था।
समय समय पर ब्रज में विकास के नाम पर हो रही धन की बर्बादी देखकर जो पीड़ा मुझे होती है उसे यूँ व्यक्त करने के लिए मेरा अपराध क्षमा करें 🙏