श्वेता पुरोहित। सूर्य ने रोहिणी नक्षत्र में २५ मई को प्रवेश किया है और ८ जून तक रहेंगे.
शुक्र ने भी २७ मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया है और यहाँ ७ जून तक रहेगा.
इसके बाद गुरु का १३ जून से लेकर २० अगस्त तक रोहिणी में गोचर होने जा रहा है.
बुद्ध भी ५ से ११ जून तक रोहिणी में गोचर करेंगे.
इस तरह आने वाले समय में चार ग्रह रोहिणी में गोचर करने जा रहे हैं इसलिए आज हम रोहिणी नक्षत्र के बारे में जानेंगे.
रोहिणी नक्षत्र भचक्र के २७ नक्षत्रों में चौथे स्थान पर है. इस नक्षत्र के देवता ब्रह्मा अर्थात प्रजापति हैं, और लिंग स्री है. इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह चन्द्रमा है. रोहिणी नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह एक बैलगाड़ी या शकट है जिसे दो बैल खींच रहें हैं. यह बैलगाडी़ उर्वरकता का प्रतीक है. “रोह’’ को वृद्धि विकास माना गया है और “रोहण’’ का अर्थ सवारी करने के लिए होता है. इस नक्षत्र का रंग लाल माना गया है, जो सुख और वैभवता को दर्शाता है. सिद्धांत ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र में पाँच तारे होते हैं, इन पाँच तारों की आकृति बैलगाड़ी या रथ के पहिए के समान दिखाई देती है. इसी कारण प्राचीन वैदिक साहित्य में रोहिणी योग के समय को संहिता ग्रंथों में रोहिणी शकट भेदन के नाम से जाना गया है. शास्त्रों में इस नक्षत्र को पूजनीय और वंदनीय माना गया है. कहा गया है कि, इस नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था. ‘रोहिणी‘ का अर्थ ‘लाल‘ होता है. रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि के 10 डिग्री से 23 डिग्री 20 कला तक माना जाता है. इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह चन्द्र है इसलिए इस नक्षत्र में जन्मे जातक स्त्रियों पर विशेष आसक्ति रखते हैं और मीठा बोलने वाले तथा कार्यक्षेत्र में व्यवस्थित रहना ही पसंद करते हैं.
रोहिणी के विषय में वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि अपने अद्भुत सौंदर्य के कारण, रोहिणी (शाब्दिक अर्थ, आरोही) को उसके पिता दक्ष की सबसे चहेती बेटी माना जाता है। तेत्तिरीय संहिता (५वें अनुवाक, २.३) में कहा गया है कि चंद्रमा मुख्य रूप से केवल रोहिणी से विवाह करने के इच्छुक थे, लेकिन दक्ष के अनुरोध पर, वे उनकी सभी २७ पुत्रियों से विवाह करने के लिए सहमत हो गए. रोहिणी का रंग लाल होता है.
यहाँ कुछ खगोलीय कारक हैं जो रोहिणी के प्रति चंद्रमा के उच्चतम स्नेह का कारण बताते हैं: जब भी चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में गोचर करता है, तो यह रोहिणी के प्रमुख तारे (02°35’S) की तुलना में नजदीकी दक्षिणी अक्षांश पर रहता है, इस घटना से ऐसा आभास होता है कि चंद्रमा का रोहिणी से गहरा संबंध है और वह चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र है। यह घटना लगभग हर महीने घटित होती है, जब राहु तुला से मिथुन तक (लगभग 6-7 वर्ष) रहता है।
सा तत ऊर्ध्वारोहत्।
सा रोहिण्यभवत्।
तद्रोहिण्यै रोहिणीत्वम्।
रोहिण्यामग्निमादधीत…..।
प्रजापति रोहिण्यामग्निमसृजत्।
तं देवा रोहिण्यामादधत।
ततो वै ते सर्वान् रोहानरोहन् ।
तद्ररोहिण्यै रोहिणीत्वम् ।।
अर्थात्:
‘प्रजापति ने नक्षत्र-कन्याएँ रचीं. उनमें से एक आसमान से ऊपर आरोहण कर गई. ऊँचे शिखरों पर आरोहण के कारण, उन्हें रोहिणी के नाम से जाना जाता है। रोहिणी के आरोहण के समय, पवित्र अग्नि यज्ञ आरंभ हुआ ऐसा माना कहा जाता है।’
‘प्रजापति ने अग्नि से रोहिणी को उत्पन्न किया। अत: देवताओं ने रोहिणी की उस पवित्र अग्नि को स्वीकार कर लिया। रोहिणी कृतिका का अगला नक्षत्र है जिस पर अग्नि देव का शासन है, ये बात भी यहाँ स्थापित होती है.
इसके बाद, देवताओं ने स्वयं ही सभी नक्षत्रों (रोहण) की गति बढ़ा दी। और देवताओं की ऐसी गतिविधि के कारण रोहिणी में आकाश से ऊपर जाने की विशेषता उत्पन्न हुई। इसलिए रोहिणी नक्षत्र में आरोहण शक्ति होती है.
रोहिणी नक्षत्र का गुण चंद्रमा की तरह ही घटता-बढ़ता रहता है. इसलिए व्यक्ति की प्रतिष्ठा भी घट-बढ़ सकती है. माथा, टखने, पिंडलियाँ और पैरों की पिंडलियाँ इस नक्षत्र से संबंधित शरीर के अंग हैं. कुछ लोगों को अकिलीज़ टेंडन के कारण पैर में समस्या हो सकती है, खिलाड़ियों में से किसी को पैरों की समस्या हो सकती है.
साहित्यिक चोरी, जालसाजी, घोटाले, रिश्तों और व्यापार व्यवसाय में धोखा देखा जा सकता है, किसी का विचार चुराना और उसे अपना बनाकर दुनिया के सामने पेश करना ऐसा इस नक्षत्र के जातकों के साथ होता हुआ देखा जाता है. इनके आसपास ईर्ष्यालु अक्सर लोग होते हैं.
रोहिणी नक्षत्र का पशु कोबरा नाग है और पक्षी उल्लू. इसलिए इस गोचर के समय जासूसी घटनाएं, विषकन्या, हनीट्रैपिंग, कौटुम्बिक व्यभिचार (incest) से संबंधित घटनाएं देखी जा सकती हैं.
रोहिणी नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय :
खेती, सभी प्रकार के कृषक, अन्न, फल और सब्जियाँ उगाने वाले, खाद्य से संबंधित कार्य, वनस्पतिशास्त्री, हर्बलिस्ट, कलाकार, संगीतकार, मनोरंजन और अवकाश उद्योग, फैशन एवं कॉस्मेटिक उद्योग, ब्यूटीशियन, सेक्स चिकित्सक, जौहरी, रत्न विक्रेता, आंतरिक सज्जाकार; बैंकर और फाइनेंसर, परिवहन व्यवसाय, पर्यटन उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, तेल एवं पेट्रोलियम उद्योग, कपड़ा उद्योग, नौवहन उद्योग, खाद्य उत्पादन, पैकेजिंग एवं वितरण उद्योग, सभी प्रकार के जलीय उत्पादों और तरल पदार्थों से जुड़े सभी पेशे।
रोहिणी नक्षत्र से जुड़े स्थान:
खेत, बाग, बगीचे, कृषि संपदा, वे स्थान जहां जड़ी-बूटियां उगती हैं, बस एवं ट्रेन स्टेशन एवं शिपिंग यार्ड, तालाब और स्विमिंग पूल, बैंक एवं वित्तीय संस्थान, बाज़ार, बार, रेस्तरां, होटल; पर्यटक रिसॉर्ट्स, सभी प्रकार की रचनात्मक कलाओं के लिए स्टूडियो, वे स्थान जहाँ रत्न पाए जाते हैं, उपरोक्त व्यवसायों से जुड़े सभी स्थान।
सूर्य के रोहिणी में गोचर के समय विश्व में राज्याध्यक्ष, सरकारी अधिकारियों, मशहूर हस्तियों या व्यवसाय प्रमुख के बारे में चोरी, जालसाजी, घोटाले, रिश्तों और व्यापार व्यवसाय में धोखा देखा जा सकता है. जासूसी घटनाएं, विषकन्या, हनीट्रैपिंग, कौटुम्बिक व्यभिचार (incest) से संबंधित घटनाएं भी हो सकती हैं. उनके आसपास ईर्ष्यालु लोग हो सकते हैं. राष्ट्र अध्यक्षों और सरकारी अधिकारियों की प्रतिष्ठा भी घट-बढ़ सकती है.
शुक्र के रोहिणी में गोचर के समय विश्व में महिलाओं, मशहूर हस्तियों या व्यवसाय प्रमुख के बारे में चोरी, यौन उत्पीड़न, जालसाजी, वित्तीय घोटाले, रिश्तों और व्यापार व्यवसाय में धोखा देखा जा सकता है. जासूसी घटनाएं, विषकन्या, हनीट्रैपिंग, कौटुम्बिक व्यभिचार (incest) से संबंधित घटनाएं भी हो सकती हैं. उनके आसपास ईर्ष्यालु लोग हो सकते हैं जिसके कारण किसी के business idea को चुराना और उसे अपना बनाकर दुनिया के सामने पेश किया जा सकता है.
गुरु के रोहिणी में गोचर के समय विश्व में सभी जीवों पर रोहिणी के गुण देखे जाएंगे. मशहूर हस्तियों या व्यवसाय प्रमुख के बारे में चोरी, यौन उत्पीड़न, जालसाजी, घोटाले, रिश्तों और व्यापार व्यवसाय में धोखा देखा जा सकता है. जासूसी घटनाएं, विषकन्या, हनीट्रैपिंग, कौटुम्बिक व्यभिचार से संबंधित घटनाएं भी हो सकती हैं. उनके आसपास ईर्ष्यालु लोग हो सकते हैं जिसके कारण किसी के business idea को चुराना और उसे अपना बनाकर दुनिया के सामने पेश किया जा सकता है. लोगों की प्रतिष्ठा भी घट-बढ़ सकती है.
कई स्पेस मिशन होंगे जहाँ satellite और वैज्ञानिक उपकरण अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. माथा, टखने, पिंडलियाँ और पैरों की पिंडलियाँ इस नक्षत्र से संबंधित शरीर के अंग हैं. कुछ लोगों को अकिलीज़ टेंडन के कारण पैर में समस्या हो सकती है, खिलाड़ियों में से किसी को पैरों की समस्या हो सकती है.
बुद्ध के रोहिणी में गोचर के समय विश्व में मीडिया से जुड़े लोग, व्यापारी और व्यवसायियों के बारे में चोरी, यौन उत्पीड़न, साहित्यिक चोरी, डेटा मैन्युपुलेशन, ग़लत जानकारी फैलाना, जालसाजी, वित्तीय घोटाले, व्यापारिक घोटाले, रिश्तों और व्यापार व्यवसाय में धोखा देखा जा सकता है. जासूसी घटनाएं, विषकन्या, हनीट्रैपिंग, व्यभिचार से संबंधित घटनाएं भी हो सकती हैं. उनके आसपास ईर्ष्यालु लोग हो सकते हैं जिसके कारण किसी के business idea को चुराना और उसे अपना बनाकर दुनिया के सामने पेश किया जा सकता है.