IGI Airport T-1 का उद्घाटन पीएम ने मार्च में किया था। आज उसकी छत ढह गई, जिसमें एक कैब ड्राइवर की मौत और 6 लोग घायल हो गये।
450 करोड़ की लागत वाली जबलपुर एयरपोर्ट का उद्घाटन तीन महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। उसकी छत भी कल 28 जून को पहली बारिश में ढह गई।
SHOCKING & tragic news this morning. The roof at Delhi Airport’s has T1 collapsed this morning and, until now, 3 people are reported dead. For election campaigning, Modi had hurriedly “inaugurated” T1 in March even while it was under construction. 𝐖𝐡𝐲 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝𝐧’𝐭 𝐏𝐌 𝐌𝐨𝐝𝐢 𝐛𝐞 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐜𝐮𝐥𝐩𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐡𝐨𝐦𝐢𝐜𝐢𝐝𝐞? He’s directly responsible for the death of 3 people who lost their lives because Modi was desperate to campaign.
मार्च में प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-1 का उद्घाटन किया था, आज उसकी छत ढह गई जिसमें एक कैब ड्राइवर की दुखद मृत्यु हो गई।
तीन महीने पहले प्रधानमंत्री जी ने जिस जबलपुर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था, उसकी भी छत ढह गई।
अयोध्या में निर्माण कार्यों के खस्ताहाल पर पूरा देश दुखी है। यह भाजपा का “चंदा लो और धंधा दो” का भ्रष्टाचारी मॉडल है जिससे अब पर्दा उठ चुका है। सवाल यह है कि प्रधान उद्धघाटन मंत्री जी क्या इन घटिया निर्माण कार्यों और इस भ्रष्टाचारी मॉडल की जिम्मेदारी लेंगे?
छद्म हिन्दू (मोदी भांड) सोशल मीडिया पर इन विडियो फोटू और मंदिर के गर्भगृह में पानी की निकासी से लेकर छत से पानी रिसने की खबरों से इतने घबराए हुए हैं .. कि एकबारगी तो उन्होंने इन खबरों को सिरे से झूठ और दुश्मनों द्वारा प्रचार और अनर्गल प्रलाप बता दिया था। इसमें संतो के वक्तव्य भी आ गए थे कि अव्यवस्था की खबरें सही हैं। इसमें कोई शक नहीं कि अयोध्या को थूक पॉलिश (छुपाने हेतु तात्कालिक रंग रोगन) को बड़े छोटे युट्यूबर और कंटेंट राइटर के मध्यम से खूब दिखावे किए गए जो कि माहौल बनाने में उपयोग किए गए। प्रतिदिन ड्रोन और एक एक गाली कूचे की कहानियों से पुष्ट वीडियो यूट्यूब इंस्टाग्राम पर आ रही थी। अब जैसे कि किसी उम्र अधेड़ महिला ने अपना pedicuring manicuring करा पहनावे और मेकअप के बूते उसे युवा रूप में बॉलीवुड शोपीस की तरह प्रस्तुत किया जाता है, पर पसीने और बारिश की कुछ बूंदे ही उसे वस्तुस्थिति में ले आती है, वही हाल अयोध्या का अभी है। एक बारिश में सारी कलई और बनावटीपन सामने आ गई। कारण क्या था ??? बस चुनावों से पहले Ayodhya को प्राचीनता के साथ Smart City की तरह प्रस्तुत करना, ताकि जनता में वोट देते वक्त कह पाएं “AYODHYA को चमका दिया PAW PAW”. काश, जनता द्वारा दिए हजारों करोड़ एवं टैक्स के पैसों को नालियों से पानी निकासी, जल भराव व्यवस्था, बिजली, रास्तों गलियों में घरों के दीवारों की मरम्मत, आगंतुकों को रहने हेतु भक्त निवास, मंदिर में आवाजाही में सटीक व्यवस्था, जमीनों के अधिग्रहण में घपलेबाजी और मुआवजा का वितरण, आदि सही से किया होता और चुनावी फायदे के लिए अव्यवस्था को छिपाने की कसरत में थूक पालिश नही किए होते,, तो आज खबरें में फोटो वीडियो अलग आ रही होती और पांव नही कांप रहे होते। मोदी भांडों, इतनी भी भांडवता सही नही कि हर दिवस दांतों के बीच से उजाले में झूठ बोलते चलो। श्री लक्ष्मण के उग्रता को ख्याल कर डरो।
उद्घाटन का पूरा श्रेय ले लो, कोलेप्स हो तो कहो, मेरा वाला नहीं, उसका वाला हिस्सा टूटा है। वैसे मंत्री जी IGI Airport T-1 का जब पीएम ने मार्च में उद्घाटन किया था तो आपके विभाग ने प्रेस रिलीज में T-1 का उद्घाटन लिखा था या यह लिखा था कि T-1 के एक हिस्से का पीएम ने उद्घाटन किया? बताओ? और हां, जबलपुर एयरपोर्ट की जो छत कल गिरी थी, उसका दोष भी दूसरों पर मढ़ देना, क्योंकि 450 cr की लागत वाले उस एयरपोर्ट का उद्घाटन भी तीन महीने पहले पीएम ने ही किया था! इतिहास के लिहाज से मंत्री जी आपके कार्यकाल में दो एयरपोर्ट की छत एक के बाद एक गिरी है, जवाबदेही आपकी बनेगी न कि पिछली सरकार की! इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि क्रेडिट लेने वाले अपने कार्यकाल के हादसे का दोष भी दूसरों पर मढ़ते हैं। और वह भी इसलिए कि सारा उद्घाटन प्रधानमंत्री करते हैं, तो फिर उनको बचाने के लिए अनाप-शनाप (कु) तर्क गढ़ दिया जाता है।
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल एक का उद्घाटन अभी प्रधानमंत्री ने किया था आज गिर कर बिखर गया। एक कार ड्राइवर की दबकर मौत हो गयी। हजारों करोड़ रुपये इसकी लागत आयी थी। जबलपुर एयरपोर्ट 740 करोड़ की लागत से बना था मोदी जी ने मार्च में उद्घाटन कल ध्वस्त हो गया। अयोध्या आसूं बहा रहा है जहाँ जहाँ मोदी जी के कदम पड़े सबका सत्यानाश पीट गया।