विकास पाठक
वाराणसी में सड़कों से बिजली के खंभों और तारों का जाल खत्म करने को केंद्र सरकार ने 600 करोड़ रुपये और मंजूर किए हैं। दूसरे चरण में वरुणापार इलाके के मोहल्ले और कॉलोनियों में अंडर ग्राउंड केबल बिछाया जाएगा।
गंगा तट के किनारे बसे पक्का महाल यानी पुरानी काशी में आईपीडीएस योजना के तहत करीब 700 करोड़ से अंडर ग्राउंड केबल डालने संग विद्युत उपकेंद्रो को उच्चीकृत कर बिजली सप्लाई की जा रही है। अब योजना के द्वितीय चरण के काम को केंद्र सरकार ने हरी झंडी देते हुए करीब 600 करोड़ बिजली तारों को अंडर ग्राउंड करने के लिए मंजूर कर दिए हैं। टाटा कंपनी को इस काम का जिम्मा सौंपते हुए एक साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नगर निगम के अभियंता अमरेंद्र गौतम ने बताया कि आईपीडीएस के द्वितीय चरण में कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर लहुराबीर, तेलियाबाग, अंधरापुल होते हुए नदेसर, जेपी मेहता, सर्किट हाउस, भोजूबीर होते हुए गिलट बाजार तक के इलाके में सड़कों के अलावा मोहल्लों और कॉलोनियों में तारों को अंडरग्राउंड करने के लिए परमिशन दिया गया है।
15 अगस्त के बाद एलटी और एचटी लाइन केबल डालने का काम शुरू हो जाएगा। रोड कटिंग मद में कंपनी को साढ़े सात करोड़ की डिमांड नोटिस भेजी गई है।
अयोध्या से विनाश की तस्वीर के बाद यह काशी से आ रही हृदयविदारक दृश्य है। पहली बारिश में एक एक नंदी पानी में दौड़ते करंट के कारण मर गये। सरकार ने बिजली की लटकी तारों को हटाकर उसे अंडरग्राउंड करने के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च किए गये, लेकिन आज भी बिजली की पोल से तारें लटक रही है, जिस कारण शिव के वाहन एक नंदी की आज जान चली गई। इस सरकार के भ्रष्टाचार को जब मीडिया दबा रही थी तो प्रकृति ही इस सरकार के भ्रष्टाचार को खोलने आ गई। देर है, अंधेर नहीं!
इस सरकार के भ्रष्टाचार को जब मीडिया दबा रही थी तो प्रकृति ही इस सरकार के भ्रष्टाचार को खोलने आ गई। देर है, अंधेर नहीं!
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