अर्चना कुमारी कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम से 94.7 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण के मामले में हैदराबाद स्थित एक सहकारी समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण को गिरफ्तार किया है।
आरोपी सत्यनारायण को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था और मंगलवार को उसे बेंगलुरु लाया गया और बाद में स्थानीय अदालत में पेश किया गया।
सहकारी समित के अध्यक्ष की गिरफ्तारी बेंगलुरु के वसंत नगर में निगम के कार्यालय पर एसआईटी अधिकारियों द्वारा की गई। छापेमारी के दौरान इस घोटाले से संबंधित डिजिटल और कागजी दोनों दस्तावेज जब्त किए गए थे।
जांच के मद्देनजर संदिग्ध आरोपी से जुड़े 14 बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। साथ ही आगे की पूछताछ के लिए एक टीम को हैदराबाद भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि यह गिरफ्तारी उस जांच का हिस्सा है जिसमें पुलिस ने 31 मई को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में प्रबंध निदेशक जेजी पद्मनाभ और लेखा अधिकारी जी परशुराम को हिरासत में लिया था।
दोनों को शनिवार को मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया था और फिलहाल दोनों छह जून तक पुलिस हिरासत में हैं।
शिवमोग्गा में लेखा अधीक्षक चन्द्रशेखर की आत्महत्या के बाद अनधिकृत हस्तांतरण का खुलासा हुआ था। चन्द्रशेखर ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें उन्होंने अवैध हस्तांतरण का विवरण और इसमें शामिल अधिकारियों का नाम भी लिखा है।
गृह मंत्री डॉ जी परमेर ने बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए पुष्टि की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक के एक पा का जवाब देते हुए मामले के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है।
उल्लेखनीय है कि कानून के मुताबिक यदि कोई घोटाला तीन करोड़ रुपये से अधिक का है तो सीबीआई स्वैच्छिक तौर से मामला शुरू कर सकती है। राज्य सरकार ने सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग देने का वादा किया है।