भारत में “राम-राज्य” लाओ
देश की सबसे-बड़ी है लानत , हर-जगह व्याप्त है भ्रष्टाचार ;
जनता का टूट चुका है मनोबल , मान चुके इसे शिष्टाचार ।
खुलकर पूरी-लूट मची है , बिन रिश्वत कोई काम नहीं ;
सरकारी-संरक्षण इसको , शिकायत की विधिवत जांच नहीं ।
कितने निर्बल कानून बनाये ? भ्रष्टाचारी को संरक्षण ;
सारे मिलकर डुबकी मारें , जनता का नहीं है कोई रक्षण ।
गंगोत्री से गंगासागर तक , भ्रष्टाचार की गंगा है ;
नेता – अफसर डुबकी मारें , हर – कोई इसमें नंगा है ।
लोकतंत्र को यही खा गया, संविधान की उड़ी धज्जियां ;
चुनाव-आयोग तक नहीं अछूता,जनादेश की मिटा दी दुनिया ।
भ्रष्टाचार की दम पर बनतीं , देश की सारी – सरकारें ;
और इसी की दम पर चलतीं , नंगनाच करती सरकारें ।
लोकतंत्र में स्वामी जनता , बनी गुलाम से बदकर है ;
केवल भ्रष्टाचार के कारण , विश्व में भारत कमतर है ।
शिक्षा – जगत व प्रेस – मीडिया , भ्रष्टाचार ही व्याप्त है ;
सबसे-बुरी हालत शासन की , कितना अधिक संताप है ?
आत्महत्या तक करती जनता,मजदूर-किसान सब भेंट चढ़ रहे
भ्रष्टाचारी नेता – अफसर , लूट – लूट कर ऐश कर रहे ।
सबसे – बड़ा अपराध यही है , घोर – पाप भी इसको मानो ;
इसको मिटा सकेगा केवल , धर्म – सनातन ही जानो ।
धर्म – सनातन में ही क्षमता , भ्रष्टाचार मिटाने की ;
सत्यनिष्ठ – कर्तव्यनिष्ठ हो , ऐसी – सरकार बनाने की ।
भ्रष्टाचार हटाना होगा , भारत – वर्ष बचाना होगा ;
पीड़ित-जनता को करो संगठित , ऐसा आंदोलन लाना होगा ।
इसकी अगुवाई कौन करेगा ? धर्मनिष्ठ – हिंदूवादी दल ;
“एकम् सनातन भारत” दल ही , एकमात्र ऐसा है दल ।
“संदीप-देव” व “अंकुर-शर्मा” , इसी सूत्र को कसकर पकड़ें ;
अंधकार में यही प्रकाश है , इस “सूरज” को कभी न छोड़ें ।
सबसे – अधिक भारत की जनता , भ्रष्टाचार से पीड़ित है ;
इसको जो भी मार भगाये , उसी को प्यार असीमित है ।
पांच-वर्ष का ये जो समय है , अगले-चुनाव के आने तक ;
एक-एक क्षण का सदुपयोग हो , भ्रष्टाचार हटाने तक ।
“एकम् सनातन भारत” दल को,अगली-सरकार बनानी होगी ;
एकमात्र आशा की किरण हो , इसकी ज्योति जलानी होगी ।
ठोंक बजाकर – देखभाल कर , अपनी पूरी – टीम बनाओ ;
भारत की पूर्ण करो अभिलाषा, भारत में “राम-राज्य” लाओ ।