संदीप देव –
भाजपा के छत्तीसगढ़ सरकार में यह गौ रक्षकों की स्थिति है। छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार थी तो गौ वंश की उन्नति के लिए वह बेहतरीन काम कर रही थी। गांव-गांव गौठान बनाकर गाय के गोबर, गोमुत्र को रोजगार से जोड़ दिया था। गांव वाले उस सरकारी गौठान में 5₹/ किलो गोबर और 4₹/ लीटर गो मूत्र बेचकर कमा रहे थे। गोबर गैस प्लांट से नि:शुल्क रसोई के लिए गैस भी आपूर्ति हो रही थी कई गांवों में। इससे बूढ़ी, दूध न देने वाली गाय को भी लोग न सड़क पर आवारा छोड़ते थे, न कसाई को बेचते थे। यह योजना इतनी सफल थी कि मप्र व उप्र की भाजपा सरकार इस पर स्टडी करने गई थी।
चुनाव में स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने इस सफलता से चिढ़ कर इस योजना पर अनाप-शनाप भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और हिंदू/ वनवासी उनके झांसे में आ गये। आज भाजपा का शासन छत्तीसगढ़ में है और गौरक्षकों को गुंडा घोषित करने वाले और उनका डोजियर बनवाने वाले प्रधानमंत्री के कहे अनुसार गौरक्षकों पर कार्रवाई कर रही है और म्लेच्छ गौ भक्षकों को खूली छूट दे रखी है। आखिर बीफ कंपनी से चंदा लेने का रिकॉर्ड भी भाजपा के ही नाम है?
आप देखिए तो हरियाणा में मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार कर वहां गौरक्षकों के पूरे नेटवर्क को समाप्त करने का श्रेय भाजपा सरकार को ही जाता है।
अब हिंदू सोचें कि कौन पार्टी ज्यादा हिंदू विरोधी है? भाजपा हिंदुओं के नाम पर केवल वोट बटोरती है, परंतु सबसे अधिक हिंदू विरोधी पार्टी यदि कोई है तो वह भाजपा ही है।
यह केवल एक गौरक्षा मामले का उदाहरण है। यदि हिंदुओं को जातियों में बांटने वाले मंडल कमीशन से लेकर SC/ST act को लागू व मजबूत करने और कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार के सभी बड़े मामले देख लीजिए, आपको संघी भाजपा की सत्ता में ही यह सारे कार्य हुए हैं। हिंदू असल में ‘स्टॉकहोम सिंड्रोम’ का शिकार है। जो उसका भक्षक है, उसे ही उसने रक्षक मान लिया है।