अर्चना कुमारी थ्यानमेन नरसंहार की 35 वीं बरसी पर चीन और हांगकांग में सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए गए और लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर खूनी कार्रवाई के गवाह रहे थ्यानमेन चौक को जाने वाली मुख्य सड़कों पर जगह जगह पुलिस चौकियां और बख्तरबंद वाहनों की कतारें देखी गईं।
हांगकांग पुलिस ने भारी चौकसी बरतते हुए बरसी संबंधी किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम को रोकने के लिए सड़क से कम से कम दो लोगों को हटा दिया।
चीन काफी समय पहले ही नरसंहार की उन सभी निशानियों को कुचल चुका है जब चीनी सरकार ने कम्युनिस्ट शासन को बनाए रखने और महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए सेना को कार्रवाई का आदेश दिया था।
इस आदेश के बाद अनुमान है कि 180,000 सैनिक और सशस्त्र पुलिस बल टैंकों के साथ पहुंचे और थ्यानमेन चौक पर प्रदर्शनकारी छात्रों पर गोलियां बरसाईं।
आज तक मरने वालों की संख्या का पता नहीं चल पाया है। ये माना जाता है कि हजारों नहीं तो सैकड़ों लोग इस अभियान में मारे गए थे जो कि एक रात पहले शुरू होकर 4 जून, 1989 की सुबह समाप्त हुआ था। यह नरसंहार आधुनिक चीनी इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
मंगलवार को चीन की राजधानी में जीवन रोज की तरह ही सामान्य रहा। थ्यानमेन चौक और फोरबिडन सिटी में प्रवेश करने के लिए पर्यटक कतारों में खड़े रहे।
बरसी के मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल सड़कों पर नजर आया। एक अधेड़ व्यक्ति को पुलिस वाले पकड़ कर ले जाते दिख जिसने अपने हाथों में हाथ से लिखे दो पोस्टर पकड़ रखे थे। हांगकांग के नेता जॉन ली ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या शहर के लोग आज भी नरसंहार पर सार्वजनिक रूप से शोक व्यक्त करते हैं।